Saturn’s Pisces Transit: 2025: अमावस्या और सूर्य ग्रहण के सायें में होगा शनि का राशि परिवर्तन.
Saturn’s Pisces Transit: शनि का मीन राशि में गोचर एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि शनि के मीन राशि में गोचर Saturn’s Pisces Transit: से कौन सी राशियों पर साढ़े साती और ढैया का प्रभाव पड़ेगा, और इसका सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा।
Shanishchari Amavasya 2025: 29 मार्च 2025 के दिन शनि अपनी राशि परिवर्तन कर रहे हैं. इसी दिन अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2025) तिथि भी है. ज्योतिष शास्त्र में शनि को काले रंग से दिखाया जाता है. (Shanishchari Amavasya 2025) अमावस्या की रात्रि भी काली रात्रि के नाम से जानी जाती है. इस लिए इस दिन होने वाला ये राशि परिवर्तन बहुत ख़ास होने वाला है. इसी दिन सूर्य ग्रहण का योग बन रहा है. ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा परन्तु इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ने वाला है. इस लिए भी ये दिन बहुत ख़ास होने वाला है.
Saturn’s Pisces Transit: शनि देव अपने घर से निकलकर जा रहे हैं गुरु के घर…
Saturn’s Pisces Transit: आकाश मण्डल में ग्रहों का गोचर अपनी कक्षा के अनुसार और ग्रहों की अपनी गति के अनुसार अलग अलग समय पर होता रहता है. सूर्य का उदय होना और अस्त होना, रोज होने वाली ग्रहों की प्रक्रिया का हिस्सा है. इसी प्रकार सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार होने वाले कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष भी सनातन धर्म की खगोल विद्या का अविष्कार ही है. जो लाखों वर्ष पूर्व किया गया.
ग्रहों की गति के अनुसार उनका राशि बदलना एक समान्य घटना तो है, परन्तु इसका प्रभाव पृथ्वी के सभी जीव और निर्जीवों पर पड़ता है. हर ग्रह का अपना स्वभाव है, जिसके अनुसार उनका प्रभाव धरती पर पड़ता है. शनि भी इसी तरह आकाश मण्डल का सबसे दूर का ग्रह है. उसका राशि परिवर्तन होने से धरती पर जो प्रभाव पड़ने वाला है उसे राशि के अनुसार जानते हैं.
29 मार्च 2025 के सुबह शनि अपनी कुम्भ राशि से निकल कर देव गुरु बृहस्पति की मीन राशि Saturn’s Pisces Transit: में प्रवेश करने जा रहे हैं. आइये जानते हैं शनि के मीन राशि में आने से किस राशि पर होगा अगले ढाई साल का प्रभाव..
किस राशि का लगेगा ढैया और किसकी लगेगी साढ़े साती.
साढ़े साती और ढैया क्या है?
Saturn’s Pisces Transit: साढ़े साती और ढैया दोनों ही शनि के गोचर के कारण होने वाली ज्योतिषीय घटनाएं हैं। साढ़े साती तब लगती है जब शनि किसी राशि से 12वें, 1ले, और 2रे भाव में गोचर करता है। यह एक लंबी अवधि की घटना है, जो लगभग 7.5 वर्षों तक रहती है।
कुम्भ राशि वालों को शनि के साढ़े साती उतरने का फल मिलेगा. मीन राशि वालों के लिए साढ़े साती के मध्य काल का फल मिलेगा साथ ही मेष राशि वालों के लिए शनि की साढ़े साती की शुरुआत का समय होगा.
ढैया तब लगता है जब शनि किसी राशि से 4थे, 8वें, और 12वें भाव में गोचर करता है। यह एक छोटी अवधि की घटना है, जो लगभग 2.5 वर्षों तक रहती है। सिंह और धनु राशि वालों को शनि की ढैया का प्रभाव देखने को मिलेगा.
शनि के मीन राशि में गोचर से साढ़े साती और ढैया का प्रभाव
शनि के मीन राशि में गोचर से मकर राशि पर साढ़े साती का प्रभाव पड़ेगा। मकर राशि के जातकों को इस अवधि में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि करियर में उतार-चढ़ाव, आर्थिक समस्याएं, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।
इसके अलावा, शनि के मीन राशि में गोचर से कुंभ राशि पर साढ़े साती के उतरने का प्रभाव देखा जाएगा. कुंभ राशि के जातकों को इस अवधि में अपने करियर और आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा और अपने करियर में स्थिरता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
शनि के मीन राशि में गोचर का सभी राशियों पर प्रभाव:
मेष राशि
मेष राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने करियर में स्थिरता मिल सकती है। मेष राशि वालों के लिए साढ़े साती की शुरुआत हो रही है. उन्हें अपने काम में अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा और अपने बचत को बढ़ाने के लिए योजना बनानी होगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना होगा। उन्हें अपने खान-पान और व्यायाम के बारे में अधिक सावधानी बरतनी होगी और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योजना बनानी होगी।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने परिवारिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ अधिक समय बिताना होगा और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए योजना बनानी होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने करियर में स्थिरता मिल सकती है। उन्हें अपने काम में अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना होगा। उन्हें अपने खान-पान और व्यायाम के बारे में अधिक सावधानी बरतनी होगी और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योजना बनानी होगी।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा और अपने बचत को बढ़ाने के लिए योजना बनानी होगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने करियर में स्थिरता मिल सकती है। उन्हें अपने काम में अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना होगा। उन्हें अपने खान-पान और व्यायाम के बारे में अधिक सावधानी बरतनी होगी और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योजना बनानी होगी।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से साढ़े साती का प्रभाव पड़ेगा। उन्हें अपने करियर और आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा और अपने बचत को बढ़ाने के लिए योजना बनानी होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से ढैया का प्रभाव पड़ेगा। उन्हें अपने करियर और आर्थिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा और अपने बचत को बढ़ाने के लिए योजना बनानी होगी।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर से अपने करियर में स्थिरता मिल सकती है। उन्हें अपने काम में अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना होगा और अपने खान-पान और व्यायाम के बारे में अधिक सावधानी बरतनी होगी।
इस प्रकार, शनि के मीन राशि में गोचर का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। कुछ राशियों को करियर और आर्थिक मामलों में स्थिरता मिल सकती है, जबकि अन्य राशियों को स्वास्थ्य और परिवारिक मामलों में सावधानी बरतनी होगी। कुंडली में ग्रहों की स्थिति भिन्न भिन्न होने से फल अलग हो सकता है.