आज 8 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- फाल्गुन मास नवमी 08:15 तक, बाद दशमी तिथि (शुक्ल पक्ष), युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 8 मार्च 2025, दिन शनिवार।
आज का नक्षत्र – आर्द्रा 23:27 तक.
आज का योग – आयुष्मन 16:23 तक.
आज का करण – कौलव 08:15 तक, बाद तैतिल 19:56 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:10 से 12:57 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 09:38 से 11:06 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पूर्व दिशा.
आज शनि देव को प्रसन्न करें.
शनि देव जी की कृपा प्राप्ति के लिए निचे दिए लिंक को छुएं और शनि चालीसा का पाठ सुनें और पाठ करें.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 49.
दूरेण ह्यवरं कर्म बुद्धियोगाद्धनंजय ।
बुद्धौ शरणमन्विच्छ कृपणाः फलहेतवः ॥
व्याख्या-
इस समत्वरूप बुद्धियोग से सकाम कर्म अत्यन्त ही निम्न श्रेणी का है। इसलिए हे धनंजय! तू समबुद्धि में ही रक्षा का उपाय ढूँढ अर्थात् बुद्धियोग का ही आश्रय ग्रहण कर क्योंकि फल के हेतु बनने वाले अत्यन्त दीन हैं॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
आज का गीता ज्ञान जीवन में कर्म करने की दृष्टी को ही बदल देगा. आज भगवान श्री कृष्ण कह रहे हैं, कि जो व्यक्ति फल को ध्यान में रख कर कर्म करता है उसके मन में फल का डर हमेशा बना रहता है. परन्तु जो व्यक्ति भगवान में ध्यान रखते हुए कर्म करता है उसके सभी कर्म हमेशा सफ़ल होते हैं क्योकि उसे कर्म फल की चिंता नहीं होती. वो केवल अपने कर्म पर ध्यान देता है. उसका कर्म स्वार्थ रहित होता है. जैसे कब रस्ते में हुए किसी हादसे में हम किसी की मदद करते हैं तो, उसमे हमारा कोई स्वार्थ नहीं होता, उस कार्य को सफल बनाने में अनजा लोग भी हमारी मदद के लिए साथ आ जाते हैं. इस लिए मनुष्य अगर निस्वार्थ भाव से कर्म करे तो पूरी प्रकृति मनुष्य का साथ देती है.
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आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐