आज 7 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- फाल्गुन मास अष्टमी 09:18 तक, बाद नवमी तिथि (शुक्ल पक्ष), युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 7 मार्च 2025, दिन शुक्रवार।
आज का नक्षत्र – मृगशिरा 23:30 तक.
आज का योग – प्रीती 18:13 तक.
आज का करण – बव 09:18 तक, बाद बालव 20:43 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:10 से 12:57 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 11:06 से 12:34 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पश्चिम दिशा.
आज शुक्रवार के दिन संतोषी माता को प्रसन्न करें.
संतोषी चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 48.
योगस्थः कुरु कर्माणि संग त्यक्त्वा धनंजय ।
सिद्धयसिद्धयोः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते ॥
व्याख्या-
हे धनंजय! तू आसक्ति को त्यागकर तथा सिद्धि और असिद्धि में समान बुद्धिवाला होकर योग में स्थित हुआ कर्तव्य कर्मों को कर, समत्व (जो कुछ भी कर्म किया जाए, उसके पूर्ण होने और न होने में तथा उसके फल में समभाव रहने का नाम ‘समत्व’ है। ही योग कहलाता है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज भगवान जी एक योगी के उदहारण के माध्यम से बता रहें हैं कि, जिस प्रकार एक योगी अपनी इन्द्रियों को स्थिर कर के एक कार्य में लगा लेता है, ठीक उसी प्रकार यदि मनुष्य किसी भी प्रकार की आसक्ति का त्याग कर के मनुष्य मुक्त हो जाता है. फिर वो किसी में भेद नहीं करता और सम भाव का विचार कर के कार्य करता है. इसी को वास्तव में स्थिर प्रज्ञ भी कहते हैं. इस प्रकार स्थिर हुई बुद्धि वाला मनुष्य कभी द्वंद्ध में नही फंसता.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
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