aaj ki tithi

Aaj Ki Tithi: आज 6 मई 2025 का पंचांग, गीता ज्ञान, कुटुंब प्रबोधन सहित चालीसा पाठ…

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- आज की तिथि के साथ पाएं पूरा पंचांग..

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- वैशाख मास (शुक्ल पक्ष) नवमी 08:38 तक, बाद दशमी. युगाब्द 5127, विक्रमी संवत् 2082 तदनुसार 6 मई 2025, दिन मंगलवार.

आज का नक्षत्र – मघा 15:50 तक. 

आज का योग – ध्रुव 24:28 तक. 

आज का करण – कौलव 08:38 तक, बाद तैतुल 21:24 तक.   

आज का शुभ मुहूर्त – 11:53 से 12:46 दोपहर तक. 

आज का राहुकाल – 15:41 से 17:21 दोपहर तक. 

आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा.

आज का कुटुंब प्रबोधन ज्ञान (Kutumb Prabodhan):-

दोष नहीं, गुण देखें – प्रेम बना रहेगा।

सब प्रकार के बंधनों से मुक्ति चाहते हैं तो हनुमान जी को मनाएं. 

हनुमान चालीसा पाठ सुननें के लिए लिंक पर जाएँ. 

गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या. 37.

श्रीभगवानुवाच

काम एष क्रोध एष रजोगुणसमुद्भवः ।

महाशनो महापाप्मा विद्धयेनमिह वैरिणम्‌ ॥

व्याख्या-

श्री भगवान बोले – रजोगुण से उत्पन्न हुआ यह काम ही क्रोध है। यह बहुत खाने वाला अर्थात भोगों से कभी न अघानेवाला और बड़ा पापी है। इसको ही तू इस विषय में वैरी जान॥

आज का सुविचार और गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-

हमनें जाना किस प्रकार कल के गीता ज्ञान में अर्जुन जी ने भगवान से पूछ लिया है, कि मनुष्य से पाप कौन करवाता है. जब सब होता ही भगवान की मर्जी से है. आज श्री भगवान इसी प्रश्न का उत्तर देते हुए कह रहें हैं, कि मनुष्य में पायी जानें वाली रजो गुण की प्रकृति ही विषय और भोगों की और लेकर जाती है. विषय और भोगों में अनुरत वृति वाले मनुष्य की बुद्धि लोभी हो जाती है. वो अपनी विषय कामना के लिए ही ठीक गलत का विचार किए बिना ही कर्म करता है. उन विषय भोगों की कामना पूर्ति करते करते वो उनमें इतना अनुरत हो जाता है, कि फिर वो अपने लिए ठीक समझते हुए कर्मों बन्धनों में बंधता चला जाता है. अंत में उसका ये रजो गुण उसके लिए कष्टों का कारण बन जाता है. गीता ज्ञान एक बार फिर आपको किसी भी प्रकार की आसक्ति के त्याग के लिए ही प्रेरित करता है. 

ज्योतिषाचार्य डॉ सुमित की ओर से प्रार्थना है, कि आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐

मंगलवार के दिन करें सभी तंत्र बाधाओं का निवारण, भैरव चालीसा के साथ…

कुंडली विश्लेषण के लिए लिंक को छू कर वेबसाइट के अपॉइंटमेंट सेक्शन में जाएँ. 

अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए, करें चालीसा पाठ. दिन के अनुसार करें या मन के अनुसार.

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