आज 4 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- फाल्गुन मास पंचमी (शुक्ल पक्ष), युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 4 मार्च 2025, दिन मंगलवार।
आज का नक्षत्र – भरणी 26:36 तक.
आज का योग – इन्द्र 26:05 तक.
आज का करण – बालव 15:16 तक, कौलव 26:00 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:11 से 12:58 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 15:29 से 16:59 दोपहर तक.
आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा.
आज मंगलवार के दिन हनुमान जी करेंगे सभी मनोकामना पूरी…
हनुमान चालीसा सुनने के लिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 45.
त्रैगुण्यविषया वेदा निस्त्रैगुण्यो भवार्जुन ।
निर्द्वन्द्वो नित्यसत्वस्थो निर्योगक्षेम आत्मवान् ॥
व्याख्या-
हे अर्जुन! वेद उपर्युक्त प्रकार से तीनों गुणों के कार्य रूप समस्त भोगों एवं उनके साधनों का प्रतिपादन करने वाले हैं, इसलिए तू उन भोगों एवं उनके साधनों में आसक्तिहीन, हर्ष-शोकादि द्वंद्वों से रहित, नित्यवस्तु परमात्मा में स्थित योग (अप्राप्त की प्राप्ति का नाम ‘योग’ है।) क्षेम (प्राप्त वस्तु की रक्षा का नाम ‘क्षेम’ है।) को न चाहने वाला और स्वाधीन अन्तःकरण वाला हो॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज के गीता ज्ञान में श्री कृष्ण बहुत बड़ा रहस्य बता रहे हैं, आज भगवान बता रहे हैं की समस्त ज्ञान का भंडार वेद भी केवल तीन गुणों तक सिमित है, परन्तु ये जगत इस से बहुत उपर हैं. हमे किसी भी कार्य में वेद में बताएं उन तीन गुणों से उपर उठ कर कार्य करना चाहिए. किसी भी प्रकार की आसक्ति का त्याग कर के ही कर्म करना चाहिए. उसी को निस्वार्थ कर्म कहा जाता है.
आप जहां से भी इस गीता ज्ञान को प्राप्त कर रहे हैं, निचे दिए वेबसाइट लिंक में जा कर अपना फीडबैक जरुर दें.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
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