आज का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
नव वर्ष 2025: (Happy New Year)
विश्व को एक तंत्र में बाँधने वाले पाश्चात्य सभ्यता द्वारा शुरू वर्ष के क्रम में, नव वर्ष 2025 के आरम्भ होने पर आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं. नव वर्ष आपके लिए मंगलकारी हो. (जय श्री राम)
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- पौष मास द्वितीया (शुक्ल पक्ष), युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 1 जनवरी 2025, दिन बुधवार।
आज का नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा 23:45 तक.
आज का योग – व्याघात 17:05 तक.
आज का करण – बालव 14:54 तक, बाद कौलव 26:23 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:06 से 12:47 दोपहर तक
आज का राहुकाल – 12:26 से 13:43 दोपहर.
आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा और उत्तर पूर्व दिशा.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) पहला अध्याय श्लोक संख्या 26-27(27 का पूर्वार्ध).
तत्रापश्यत्स्थितान् पार्थः पितृनथ पितामहान् ।
आचार्यान्मातुलान्भ्रातृन्पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा ॥
श्वशुरान् सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि ।
व्याख्या –
इसके बाद पृथापुत्र अर्जुन ने उन दोनों ही सेनाओं में स्थित ताऊ-चाचों को, दादों-परदादों को, गुरुओं को, मामाओं को, भाइयों को, पुत्रों को, पौत्रों को तथा मित्रों को, ससुरों को और सुहृदों को भी देखा॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (aaj ka suvichar)( Geeta Gyan):-
कुन्ती का एक नाम पृथा भी है, इस लिए अर्जुन को पृथा पुत्र भी कहा जाता है. महाभरत का ये युद्ध अपने सगे सम्बन्धियों के बीच था, जो धर्म और अधर्म का युद्ध था. जीवन में जब भी धर्म की बात आए तो किसी भी अधर्मी का साथ देनें से बचना चाहिए, नहीं तो हमारा अन्त भी कलंक युक्त होगा. जीवन में किसी भी परिस्थित में धर्म के विरुद्ध नहीं जाना चाहिए. मेरा क्या धर्म है इस प्रश्न का उत्तर हमारे धर्मशास्त्रों से प्राप्त होता है.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐