आज 26 मार्च 2025 का पञ्चांग, गीता ज्ञान सुविचार के साथ गणेश चालीसा भी सुननें।
आज 26 मार्च 2025 की तिथि : Aaj ki Tithi: चैत्र मास (कृष्ण पक्ष) द्वादशी 25:42 तक, युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 26 मार्च 2025, दिन बुधवार.
आज का नक्षत्र – धनिष्ठा 26:28 तक.
आज का योग – सिद्ध 12:24 तक.
आज का करण – कौलव 14:48 तक, बाद तैतिल 25:42 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:03 से 12:53 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 12:29 से 14:00 दोपहर तक.
आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा.
आज बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं होता.
आज गणेश जी को करें प्रसन्न.
गणेश चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 67.
इन्द्रियाणां हि चरतां यन्मनोऽनुविधीयते ।
तदस्य हरति प्रज्ञां वायुर्नावमिवाम्भसि ॥
व्याख्या-
क्योंकि जैसे जल में चलने वाली नाव को वायु हर लेती है, वैसे ही विषयों में विचरती हुई इन्द्रियों में से मन जिस इन्द्रिय के साथ रहता है, वह एक ही इन्द्रिय इस अयुक्त पुरुष की बुद्धि को हर लेती है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज गीता ज्ञान में भगवान बहुत महत्वपूर्ण विषय बता रहे हैं. भगवान हमे बताना चाहते हैं कि, इन इन्द्रियों के द्वारा ही हम विषयों का उपभोग करते हैं. परन्तु जब हम किसी इंद्री की वशीभूत हो जाते हैं तो उस विषय के प्रति ही हमारी आसक्ति बढ़ जाती है. अगर मनुष्य क्रोध में होता है तो क्रोध मनुष्य की बुद्धि को ही शून्य कर देता है वो जीवन के निर्णय नहीं ले पाता तो उन्नति नहीं हो पाती. अगर बुद्धि केवल प्रेम में हैं तो उसे सब ओर केवल प्रेम ही दिखाई देता है. इस लिए मनुष्य को किसी भी प्रकार की स्थिति में क्रोध नहीं करना चाहिए. इन इन्द्रियों के वश से निकल कर इन्हें अपने वश में रखने पर कुछ भी असंभव नहीं.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
आज के दिन विष्णु चालीसा का पाठ देता है कर्ज से मुक्ति. लिंक को छू कर पाठ करें. .