आज का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- वैशाख मास (कृष्ण पक्ष) द्वादशी 11:44 तक, बाद त्रयोदशी. युगाब्द 5127, विक्रमी संवत् 2082 तदनुसार 25 अप्रैल 2025, दिन शुक्रवार.
आज का नक्षत्र – पूर्वाभाद्रपद 08:52 तक बाद उत्तराभाद्रपद.
आज का योग – इन्द्र 12:29 तक.
आज का करण – तैतिल 11:44, बाद गर 22:08 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:55 से 12:47 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 10:42 से 12:21 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पश्चिम दिशा.
आज का कुटुंब प्रबोधन ज्ञान (Kutumb Prabodhan):-
प्रेम और आदर से भरा परिवार समाज की नींव है।
महा दुर्गा को प्रसन्न करनें के लिए करें दुर्गा चालीसा का पाठ.
दुर्गा चालीसा पाठ से होगा, कष्टों का निवारण.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.26.
न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानां कर्मसङि्गनाम् ।
जोषयेत्सर्वकर्माणि विद्वान्युक्तः समाचरन् ॥
व्याख्या-
परमात्मा के स्वरूप में अटल स्थित हुए ज्ञानी पुरुष को चाहिए कि वह शास्त्रविहित कर्मों में आसक्ति वाले अज्ञानियों की बुद्धि में भ्रम अर्थात कर्मों में अश्रद्धा उत्पन्न न करे, किन्तु स्वयं शास्त्रविहित समस्त कर्म भलीभाँति करता हुआ उनसे भी वैसे ही करवाए॥
आज का सुविचार और गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
आज के समय में भगवान की प्रप्ति में लगे हुए संत जनों के लिए भी श्री कृष्ण कह रहें हैं, कि संत समाज को भी कर्मों का त्याग नहीं करना चाहिए, क्योंकि आम लोग समाज उन्हें देख कर ही अपने कर्मों की दिशा तय करता है. उन्हें भी भगवान की प्राप्ति के लिए अपने कर्त्तव्य के अनुसार कर्म करना चाहिए. एक संत को समाज से दूर नहीं जाना है उसे समाज में रह कर मतलब विषयों के बीच में रहते हुए भी अपनी आसक्ति का त्याग समाज को दिखाना है, तभी उस से शिक्षा प्राप्त होगी. अन्यथा एकांत में आप क्या करते हैं ये समाज तक कैसे पहुच सकता है. आसक्ति का त्याग संसाधनों के बीच रह कर उनका त्याग करने से पता लगता है. एक संत स्वयं जैसा करे वैसा ही फिर शिक्षा के द्वारा सामज से करवाएं.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
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