आज 22 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- चैत्र मास (कृष्ण पक्ष) अष्टमी 29:22 तक, युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 22 मार्च 2025, दिन शनिवार.
आज का नक्षत्र – मूल 27:22 तक.
आज का योग – व्यतिपात 18:35 तक.
आज का करण – बालव 16:58 तक, बाद कौलव 29:22 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:05 से 12:54 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 09:28 से 10:59 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पूर्व दिशा.
आज शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करें.
शनि चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 63.
क्रोधाद्भवति सम्मोहः सम्मोहात्स्मृतिविभ्रमः ।
स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति ॥
व्याख्या-
क्रोध से अत्यन्त मूढ़ भाव उत्पन्न हो जाता है, मूढ़ भाव से स्मृति में भ्रम हो जाता है, स्मृति में भ्रम हो जाने से बुद्धि अर्थात ज्ञानशक्ति का नाश हो जाता है और बुद्धि का नाश हो जाने से यह पुरुष अपनी स्थिति से गिर जाता है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):–
आसक्ति मनुष्य को स्वार्थी बनाती है. क्योंकि अपनी इच्छा पूरी करने के लिए मनुष्य हर प्रकार का कार्य करता है वो ठीक गलत का निर्णय नहीं कर पाता. क्योंकि कामना पूर्ति के लिए मनुष्य पागलों की तरह केवल अपने लिए सोचता है. वो ठीकगलत का निर्णय नहीं ले पाता. उसे ज्ञान और चेतना का नाश हो जाता है. मनुष्य स्वार्थ में अपने विवेक के शून्य होने से अपनी स्थिति से गिर जाता है. कभी कभी स्वयं की नज़रों में भी गिर जाता है. इसी लिए भगवान मनुष्य को आसक्ति रहित कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
आज शनिवार के दिन महाकाली माता को प्रसन्न करने के लिए काली चालीसा का पाठ करें.
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