आज 2 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- फाल्गुन मास तृतीया (शुक्ल पक्ष), युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 2 मार्च 2025, दिन रविवार।
आज का नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद 08:58 तक, बाद रेवती नक्षत्र.
आज का योग – शुभ 12:37 तक.
आज का करण – तैतिल 10:34 तक, बाद गर 21:01 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:12 से 12:58 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 16:55 से 18:21 शाम तक.
आज का दिशा शूल – पश्चिम दिशा.
आज रविवार के दिन सूर्य नारयण जी को प्रसन्न करें.
सूर्य चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 41.
व्यवसायात्मिका बुद्धिरेकेह कुरुनन्दन ।
बहुशाका ह्यनन्ताश्च बुद्धयोऽव्यवसायिनाम् ॥
व्याख्या-
हे अर्जुन! इस कर्मयोग में निश्चयात्मिका बुद्धि एक ही होती है, किन्तु अस्थिर विचार वाले विवेकहीन सकाम मनुष्यों की बुद्धियाँ निश्चय ही बहुत भेदों वाली और अनन्त होती हैं॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज गीता ज्ञान सुविचार सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. आज भगवान हमे स्थिर बुद्धि और निश्चयात्मक बुद्धि का भेद बता रहे हैं. अगर आज हम इसे जान लेंगे तो निश्चित ही जीवन में स्थिर बुद्धि को प्राप्त करेंगे. भगवान कह रहे हैं की अगर किसी भी काम को करने में आपकी बुद्धि विचलित होती है तो हम निश्चत रूप से अस्थिर बुद्धि वाले हैं जिसका परिणाम कार्य की असफलता होता है. परन्तु जब आप स्थिर बुद्धि हो कर कार्य को करने का निश्चय कर लेते हैं तो आपका वो काम निश्चित रूप से पूर्ण होता है और आपको उसमे सफलता मिलती है. ये आपके निर्णय के कारण ही होता है. जब आपके जीवन में आप्शन होती है तो कभी आपका काम पूरा नही हो पाता इस लिए, आपको किसी भी कार्य को करने से पहले अन्य आप्शन बंद कर कर के कार्य सिद्ध करने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
आज रविवार के दिन सूर्य की शक्ति गायत्री माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, गायत्री चालीसा सुनें.