आज 16 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- चैत्र मास (कृष्ण पक्ष) द्वितीया तक, युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 16 मार्च 2025, दिन रविवार।
आज का नक्षत्र – हस्त 11:44 तक.
आज का योग – वृद्धि 14:47 तक.
आज का करण – गर 16:57 तक, बाद वणिज 30:14 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:08 से 12:56 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 17:01 से 18:30 शाम तक.
आज का दिशा शूल – पश्चिम दिशा.
आज सूर्य नारायण जी को प्रसन्न करें.
सूर्य चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 57.
यः सर्वत्रानभिस्नेहस्तत्तत्प्राप्य शुभाशुभम् ।
नाभिनंदति न द्वेष्टि तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता ॥
व्याख्या-
जो पुरुष सर्वत्र स्नेहरहित हुआ उस-उस शुभ या अशुभ वस्तु को प्राप्त होकर न प्रसन्न होता है और न द्वेष करता है, उसकी बुद्धि स्थिर है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज गीता ज्ञान के सुविचार में जो विचार भगवान जी के द्वारा दिया जा रहा है, वो जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है. अगर मनुष्य अपनी बुद्धि को स्थिर कर लेता है, और इस संसार के सुख दुःख की आसक्ति से बुद्धि को दूर हटा लेता है तो मनुष्य संतुष्ट हो जाता है. परन्तु अगर मनुष्य संसार के भोगों में रत रहेगा तो इसी तरह चारों तरफ लोग अपने कर्मों के अनुसार फल भोगते हुए ही दिखाई देते रहेंगे. कहीं ख़ुशी के ढ़ोल बजते दिखाई देंगे, तो कहीं दुखों से लोग पीड़ित दिखाई देंगे.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐