आज 15 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- चैत्र मास (कृष्ण पक्ष) प्रतिपदा 14:32 तक, बाद द्वितीया, युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 15 मार्च 2025, दिन शनिवार।
आज का नक्षत्र – उत्तरा फाल्गुन 08:53 तक बाद हस्त.
आज का योग – गंड 13:58 तक.
आज का करण – कौलव 14:32 तक, बाद तैतुल 27:43 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:08 से 12:56 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 09:33 से 11:02 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पूर्व दिशा.
आज शनिवार को करें महाकाली को प्रसन्न करें.
महाकाली चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 56.
दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः ।
वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते ॥
व्याख्या-
दुःखों की प्राप्ति होने पर जिसके मन में उद्वेग नहीं होता, सुखों की प्राप्ति में सर्वथा निःस्पृह है तथा जिसके राग, भय और क्रोध नष्ट हो गए हैं, ऐसा मुनि स्थिरबुद्धि कहा जाता है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
ना पाने की ख़ुशी ना खोने का गम, जी हाँ ये ही कहना चाहते हैं आज श्री कृष्ण. कुछ मिलने पर तो जानवर भी खुश होता है और कुछ खो जाने पर भी जानवर भी दुखी होता है. ये ही स्वभाव मनुष्य का और हर जीव का भी है. परन्तु आज भगवान कह रहे हैं जिसने अपने मन को इन सब से परे हटा लिया है, वो ही योगी है. वो ही मुनि है. जब हम हर प्रकार की स्थिति में एक समान रह कर काम करते हैं तो, उस समय स्थिर बुद्धि को प्राप्त करते हैं. तब हमे ये राग, द्वेष, दुःख, सुख किसी भी रूप में पीड़ित नहीं कर पाते.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐