आज 14 मार्च 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- फाल्गुन मास पूर्णिमा 12:23 तक, बाद प्रतिपदा, (कृष्ण पक्ष) चैत्र मास, युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार 14 मार्च 2025, दिन शुकवार।
आज का नक्षत्र – उत्तरा फाल्गुन 32:53 तक.
आज का योग – शूल 13:22 तक.
आज का करण – बव 12:23 तक, बाद बालव 25:25 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:08 से 12:56 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 11:03 से 12:32 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पश्चिम दिशा.
आज शारदा माता को प्रसन्न करें और विद्या का वरदान प्रदान करें.
शारदा चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 55.
श्रीभगवानुवाच
प्रजहाति यदा कामान् सर्वान्पार्थ मनोगतान् ।
आत्मयेवात्मना तुष्टः स्थितप्रज्ञस्तदोच्यते ॥
व्याख्या-
श्री भगवान् बोले- हे अर्जुन! जिस काल में यह पुरुष मन में स्थित सम्पूर्ण कामनाओं को भलीभाँति त्याग देता है और आत्मा से आत्मा में ही संतुष्ट रहता है, उस काल में वह स्थितप्रज्ञ कहा जाता है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
भगवान श्री कृष्ण पहले बता चुके हैं की इस जीवन का एक मात्र सत्य आत्मा है. आत्मा ही अपने में संतुष्ट होता है. अगर मनुष्य को किसी दूसरे के कारण सुख और दुखों की प्राप्ति होती है. तो मनुष्य को स्थिर प्रज्ञ नहीं कहा जा सकता. जब मनुष्य को अपने आप में अपने कर्मों से संतुष्टि होने लगे तो मनुष्य को स्थिर प्रज्ञ माना जाता है. इस लिए अपनी ख़ुशी के लिए दूसरों पर निर्भर ना रह कर अपने आप में संतुष्ट रहना जरुरी हैं. अपनी आसक्ति का त्याग कर के मनुष्य जीवन में सुखी होता है.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐