आज का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- 11 फ़रवरी 2025, माघ मास चतुर्दशी (शुक्ल पक्ष), युगाब्द 5126, विक्रमी संवंत 2081 तदनुसार, दिन मंगलवार।
गुप्त नवरात्रि का चतुर्दश दिवस. गुप्त नवरात्रि में करें दुर्गा चालीसा का पाठ..
आज का नक्षत्र – पुष्य 18:33 तक.
आज का योग – आयुष्मन 09:04 तक.
आज का करण – वणिज 18:54 तक, विष्टि 31:04 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:15 से 12:59 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 15:22 से 16:45 तक दोपहर.
आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) दूसरा अध्याय श्लोक संख्या. 22.
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि ।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-
न्यन्यानि संयाति नवानि देही ॥
व्याख्या-
जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नए वस्त्रों को ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
आज का श्लोक हम सब को ऐसा ज्ञान दे रहा है जिसके बाद स्पष्ट हो जाता है की, जिसके प्रति हम मोह कर रहे हैं, ये शरीर आत्मा के लिए केवल कपड़ों की तरह है. हमारे द्वारा किए गए कर्मों को भोगने के लिए ही आत्मा कर्म फल के अनुसार शरीर धारण करता है, और कर्म फल का भोग करते हुए नए कर्म करता है. पिछले जन्म के कर्मों को भोगना और अगले जन्म के लिए कर्म करने के लिए ही आत्मा बार बार जन्मता है और कपड़ों की तरह शरीर बदलता है. इस लिए अब ये स्पष्ट है. समाप्त शरीर हो रहा है आत्मा नही. इस लिए आत्मा का ज्ञान कर के इस शरीर के लिए शोक करना ठीक नहीं है.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐