आज 10 अप्रैल 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- चैत्र मास (शुक्ल पक्ष) त्रयोदशी 24:59 तक, युगाब्द 5127, विक्रमी संवंत 2082 तदनुसार 10 अप्रैल 2025, दिन गुरुवार.
आज का नक्षत्र – पूर्वा फाल्गुनी 12:23 तक.
आज का योग – वृद्धि 18:57 तक.
आज का करण – कौलव 11:54 तक, बाद तैतिल 24:59 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:59 से 12:50 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 13:59 से 15:35 दोपहर तक.
आज का दिशा शूल – दक्षिण दिशा.
आज के दिन विष्णु जी को प्रसन्न करें.
विष्णु चालीसा सुननें के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.10.
सहयज्ञाः प्रजाः सृष्टा पुरोवाचप्रजापतिः ।
अनेन प्रसविष्यध्वमेष वोऽस्त्विष्टकामधुक् ॥
व्याख्या-
प्रजापति ब्रह्मा ने कल्प के आदि में यज्ञ सहित प्रजाओं को रचकर उनसे कहा कि तुम लोग इस यज्ञ द्वारा वृद्धि को प्राप्त होओ और यह यज्ञ तुम लोगों को इच्छित भोग प्रदान करने वाला हो॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
यज्ञ केवल हवन ही नहीं है. यज्ञ एक संस्कार है. अगर संस्कार का अर्थ होता है विधि. अगर विधि ठीक होगी तभी संस्कार पूर्ण होगा और तभी यज्ञ पूर्ण होगा. हमे यज्ञ को केवल एक हवन को ना समझ कर उसकी विधि से हमे ये समझना है. हमारा कर्म यज्ञ की तरह श्रेष्ठ होना चाहिए. जैसे विधि से किया यज्ञ हमारी इच्छा पूरी करता है उसी प्रकार विधि से किया कर्म भी श्रेष्ठ होता है. और वो कर्म ही हमारी सभी कामनाओं को पूर्ण करता है.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
आज गुरुवार के दिन कलयुग के देव खाटू श्याम को प्रसन्न करने के लिए खाटू श्याम चालीसा सुनें.
कुंडली विश्लेषण के लिए लिंक को छू कर वेबसाइट के अपॉइंटमेंट सेक्शन में जाएँ.