aaj ki tithi

Aaj Ki Tithi: आज 12 मई 2025 का पंचांग, गीता ज्ञान के साथ पाएं कुटुंब प्रबोधन और चालीसा पाठ…

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- आज की तिथि के साथ पाएं पूरा पंचांग..

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- वैशाख मास (शुक्ल पक्ष) पूर्णिमा 22:24 तक, युगाब्द 5127, विक्रमी संवत् 2082 तदनुसार 12 मई 2025, दिन सोमवार.

आज का नक्षत्र – स्वाति 06:16 तक, बाद विशाखा. 

आज का योग – वरीयान 29:51 तक. 

आज का करण – विष्टि 09:14 तक, बाद बव 22:24 तक.   

आज का शुभ मुहूर्त – 11:52 से 12:46 दोपहर तक. 

आज का राहुकाल – 07:14 से 08:56 सुबह तक. 

आज का दिशा शूल – पूर्व दिशा.

https://jyotishkundli.co.in/aaj-ka-rashifal-todays-horoscope-12-may-2025

आज का कुटुंब प्रबोधन ज्ञान (Kutumb Prabodhan):-

बच्चों को रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथों से जोड़ें।

शिव का व्रत और उपासना करती हैं हर मनोकामना पूरी. 

शिव चालीसा पाठ से महादेव को करें प्रसन्न, चालीसा पाठ के लिए लिंक पर जाएँ. 

गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.43.

एवं बुद्धेः परं बुद्धवा संस्तभ्यात्मानमात्मना ।

जहि शत्रुं महाबाहो कामरूपं दुरासदम्‌ ॥

व्याख्या-

इस प्रकार बुद्धि से पर अर्थात सूक्ष्म, बलवान और अत्यन्त श्रेष्ठ आत्मा को जानकर और बुद्धि द्वारा मन को वश में करके हे महाबाहो! तू इस कामरूप दुर्जय शत्रु को मार डाल॥

आज का सुविचार और गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-

आज गीता ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण हैं, आज भगवान स्पष्ट शब्दों में कह रहें हैं कि, इस बुद्धि से श्रेष्ठ आत्मा हैं, हमे बुद्धि को वश में करने वाले अपने मन को वश में करना जरुरी है. तभी हम बुद्धि को आत्मा में लगा सकते हैं और आत्मा का दर्शन कर सकते हैं, जब तक हम अपने मन को काम रूप इच्छाओं से दूर नहीं कर लेते हैं तब तक हम बुद्धि को उस तरफ़ जानें से नहीं रोक पाते हैं. और जो मन में आता है बुद्धि उसी पर चिंतन करती हैं. जब बुद्धि में अशुधि आती है तो आत्मा में भी भ्रम बना रहता है. इस लिए जीवन को सही दिशा में लेकर जाने के लिए मन में ही विषय ना आए तो आत्मा शुद्धि आसान हो जाती है. 

ज्योतिषाचार्य डॉ सुमित की ओर से प्रार्थना है, कि आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐

श्री ललिता चालीसा से होगी धन की इच्छा पूरी. करें ललिता चालीसा का पाठ. 

कुंडली विश्लेषण के लिए लिंक को छू कर वेबसाइट के अपॉइंटमेंट सेक्शन में जाएँ. 

अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए, करें चालीसा पाठ. दिन के अनुसार करें या मन के अनुसार.

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