आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- आज की तिथि के साथ पाएं पूरा पंचांग..
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- वैशाख मास (शुक्ल पक्ष) एकादशी 12:28 तक, बाद द्वादशी. युगाब्द 5127, विक्रमी संवत् 2082 तदनुसार 8 मई 2025, दिन वीरवार.
आज का नक्षत्र – उत्तरा फाल्गुन 21:05 तक.
आज का योग – हर्षण 25:55 तक.
आज का करण – विष्टि 12:28 तक, बाद बव 25:40 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:52 से 12:46 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 14:00 से 15:41 दोपहर तक.
आज का दिशा शूल – दक्षिण दिशा.
मोहिनी एकादशी व्रत आज करें. एकादशी कथा सुनें सिर्फ एक क्लिक में.
आज का कुटुंब प्रबोधन ज्ञान (Kutumb Prabodhan):-
एक दूसरे की ख़ुशी में अपनी खुशी खोजें।
आज विष्णु जी देंगें घर में खुशियों का वरदान…
विष्णु चालीसा पाठ से होगा, कष्टों का निवारण.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.39.
आवृतं ज्ञानमेतेन ज्ञानिनो नित्यवैरिणा ।
कामरूपेण कौन्तेय दुष्पूरेणानलेन च ॥
व्याख्या-
और हे अर्जुन! इस अग्नि के समान कभी न पूर्ण होने वाले काम रूप ज्ञानियों के नित्य वैरी द्वारा मनुष्य का ज्ञान ढँका हुआ है॥
आज का सुविचार और गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
आज का गीता ज्ञान जीवन में बहुत महत्वपूर्ण सन्देश लेकर आया है. आज श्री भगवान जी बता रहें हैं, कि किस प्रकार इस जीवन में शांति की प्राप्ति हो सकती हैं. जैसे अग्नि में लड़की डालते रहने से वो हमेशा जलती रहती है, ठीक उसी प्रकार जीवन में जीतने भोगों का उपभोग हम करते हैं, उतनी ही लालसा हमारी भोगों के लिए बढती रहती है. अपने लोभ, मद और मोह को नियंत्रण में रखते हुए जीवन को जीने से इन सब से बचा जा सकता है. अन्यथा ये लोभ, मद और मोह नामक अग्नि में इच्छा पूर्ति करना इंधन का काम करते हैं. इनकी लालसा कभी शांत नहीं होती अगर ये शांत नहीं होगी तो जीवन में शांति मिलना मुश्किल हैं.
ज्योतिषाचार्य डॉ सुमित की ओर से प्रार्थना है, कि आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
बगलामुखी चालीसा से करें शत्रु नाश का सरल उपाय, मिलेगी हर ओर विजय…
कुंडली विश्लेषण के लिए लिंक को छू कर वेबसाइट के अपॉइंटमेंट सेक्शन में जाएँ.
अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए, करें चालीसा पाठ. दिन के अनुसार करें या मन के अनुसार.
- दुर्गा चालीसा , गणेश चालीसा, हनुमान चालीसा, संतोषी चालीसा, शिव चालीसा, सूर्य चालीसा, शनि चालीसा, विष्णु चालीसा, गायत्री चालीसा, काली चालीसा, शारदा चालीसा, खाटू श्याम चालीसा, श्री राम चालीसा, श्री महालक्ष्मी चालीसा, बगलामुखी चालीसा, श्री गौरी चालीसा, वैष्णों चालीसा, भैरव चालीसा, श्री ललिता चालीसा, सरस्वती चालीसा, श्री परशुराम चालीसा.