आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- आज की तिथि के साथ पाएं पूरा पंचांग..
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- वैशाख मास (शुक्ल पक्ष) दशमी 10:19 तक, बाद एकादशी. युगाब्द 5127, विक्रमी संवत् 2082 तदनुसार 7 मई अप्रैल 2025, दिन बुधवार.
आज का नक्षत्र – पूर्व फाल्गुन 18:16 तक.
आज का योग – व्याघात 25:03 तक.
आज का करण – गर 10:19 तक, बाद वणिज 23:21 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:53 से 12:46 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 12:19 से 14:00 दोपहर तक.
आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा.
आज का कुटुंब प्रबोधन ज्ञान (Kutumb Prabodhan):-
हर सदस्य का योगदान महत्वपूर्ण होता है।
खाटू श्याम चालीसा पाठ से बनेंगे बिगड़े काम.
खाटू श्याम चालीसा पाठ से होगा, कष्टों का निवारण.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.38.
धूमेनाव्रियते वह्निर्यथादर्शो मलेन च।
यथोल्बेनावृतो गर्भस्तथा तेनेदमावृतम् ॥
व्याख्या-
जिस प्रकार धुएँ से अग्नि और मैल से दर्पण ढँका जाता है तथा जिस प्रकार जेर से गर्भ ढँका रहता है, वैसे ही उस काम द्वारा यह ज्ञान ढँका रहता है॥
आज का सुविचार और गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
अज्ञान से बाहर ना निकल पाने के लिए दोषी कोई और नहीं है, वो हमारे अंदर बैठा अहंकार ही है. अहंकार बुद्धि को उसी प्रकार ढक लेता है जैसे शीशे को धूल ढक लेती हैं. हम सब होते हुए भी शीशा नहीं देख पाते. जो भी हमारी बुद्धि के ज्ञान को बाधित करता है. उसे भगवान शत्रु कहते हैं. इस लिए इन्द्रियों के वशीभूत होने से बचने के लिए ही सन्देश मिलता है. भगवान कहते हैं किसी भी हाल में इन इन्द्रियों के वश में हो कर हमें इन्हें अपना शत्रु नहीं बनाना हैं अपितु इनकी सहायता से अपने शत्रुओं का नाश करना है.
ज्योतिषाचार्य डॉ सुमित की ओर से प्रार्थना है, कि आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
बुधवार के दिन गणेश चालीसा पाठ से मिलेगा गणेश जी से वरदान. करें गणेश चालीसा का पाठ.
कुंडली विश्लेषण के लिए लिंक को छू कर वेबसाइट के अपॉइंटमेंट सेक्शन में जाएँ.
अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए, करें चालीसा पाठ. दिन के अनुसार करें या मन के अनुसार.
- दुर्गा चालीसा , गणेश चालीसा, हनुमान चालीसा, संतोषी चालीसा, शिव चालीसा, सूर्य चालीसा, शनि चालीसा, विष्णु चालीसा, गायत्री चालीसा, काली चालीसा, शारदा चालीसा, खाटू श्याम चालीसा, श्री राम चालीसा, श्री महालक्ष्मी चालीसा, बगलामुखी चालीसा, श्री गौरी चालीसा, वैष्णों चालीसा, भैरव चालीसा, श्री ललिता चालीसा, सरस्वती चालीसा, श्री परशुराम चालीसा.