आज का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- वैशाख मास (कृष्ण पक्ष) त्रयोदशी 08:27 तक, बाद चतुर्दशी. युगाब्द 5127, विक्रमी संवत् 2082 तदनुसार 26 अप्रैल 2025, दिन शनिवार.
आज का नक्षत्र – उत्तराभाद्रपद 06:26 बाद, रेवती 27:37 तक.
आज का योग – वैधृति 08:40 तक बाद विष्कुम्भ 28:34 तक.
आज का करण – वणिज 08:27, बाद विष्टि 18:40 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:54 से 12:47 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 09:03 से 10:42 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पूर्व दिशा.
आज का कुटुंब प्रबोधन ज्ञान (Kutumb Prabodhan):-
माता-पिता का आदर, जीवन की सबसे बड़ी पूँजी है।
शनि देव करते हैं कर्मों का हिसाब, इसी लिए फल देता है दुःख.
शनि चालीसा पाठ से जीवन से दुःख को कम करें.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.27.
प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः ।
अहंकारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते ॥
व्याख्या-
वास्तव में सम्पूर्ण कर्म सब प्रकार से प्रकृति के गुणों द्वारा किए जाते हैं, तो भी जिसका अन्तःकरण अहंकार से मोहित हो रहा है, ऐसा अज्ञानी ‘मैं कर्ता हूँ’ ऐसा मानता है॥
आज का सुविचार और गीता ज्ञान (Aaj ka Suvichar) (Geeta Gyan):-
आज का गीता ज्ञान सन्देश जीवन को बदल देनें वाला विषय लेकर आया है. आज भगवान हमे हमारी प्रकृति के अनुसार बता रहें की हम वैसा ही कर्म करते हैं जैसी हमारी प्रकृति होती है. जैसे फूलों की प्रकृति खुशबू फैलाना है. वो वैसा ही करते हैं. परन्तु मनुष्य अपनी प्रकृत को बदल सकता है और इसी लिए भगवान आज हमें ये सन्देश दे रहें हैं. एक घमण्डी इन्सान को लगता है ही हर कर्म वो ही कर रहा है, इस लिए ही वो घमण्डी हैं. परन्तु एक सज्जन इन्सान कभी किसी कर्म का श्रेय लेना नहीं चाहता, वो कहता है सब भगवान ने किया है या दूसरों को उसके लिए श्रेय देता हैं. जैसा हम अनुसरण करते हैं वैसी ही हमारी प्रकृति बन जाती है. इस लिए हमें किसी का आचरण भी सोच समझ कर करना चाहिए .
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
शनिवार का दिन काली माता के लिए विशेष है. काली चालीसा से करें काली माता को प्रसन्न.
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