आज का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- वैशाख मास (कृष्ण पक्ष) प्रतिपदा 08:24 तक, बाद द्वितीया, युगाब्द 5127, विक्रमी संवंत 2082 तदनुसार 14 अप्रैल 2025, दिन सोमवार.
आज का नक्षत्र – स्वाती 24:12 तक.
आज का योग – वज्र 22:37तक.
आज का करण – कौलव 08:24 तक, बाद तैतिल 21:40 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:58 से 12:49 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 07:35 से 09:11 सुबह तक.
आज का दिशा शूल – पूर्व दिशा.
आज सोमवार के दिन महादेव की कृपा आपको मिलें.
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गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.14-15.
अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भवः ।
यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्मसमुद्भवः ॥
कर्म ब्रह्मोद्भवं विद्धि ब्रह्माक्षरसमुद्भवम् ।
तस्मात्सर्वगतं ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठितम् ॥
व्याख्या-
सम्पूर्ण प्राणी अन्न से उत्पन्न होते हैं, अन्न की उत्पत्ति वृष्टि से होती है, वृष्टि यज्ञ से होती है और यज्ञ विहित कर्मों से उत्पन्न होने वाला है। कर्मसमुदाय को तू वेद से उत्पन्न और वेद को अविनाशी परमात्मा से उत्पन्न हुआ जान। इससे सिद्ध होता है कि सर्वव्यापी परम अक्षर परमात्मा सदा ही यज्ञ में प्रतिष्ठित है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज श्री कृष्ण हमारा ध्यान उस और लेकर जा रहे हैं जिसके विषय में हम चिंता ही नहीं करते. भगवान बता रहे हैं, कि किस प्रकार अन्न की उपत्ति वर्षा से होती है, वर्षा की उत्पत्ति यज्ञ से होती है, यज्ञ कर्म से होता है और कर्म वेद से प्राप्त होता है. इस लिए हमे अपने कर्म को सुधारने के लिए वेद का ज्ञान प्राप्त करना बहुत जरुरी है. वेद ही ज्ञान का कारक हैं. वेद से ही सारा कर्म हो रहा है तो वेद साक्षात् सृष्टी सञ्चालन में सहायक होता है. इस लिए हमे अपने कर्म का ज्ञान प्राप्त करने के लिए वेद का अध्ययन करना चाहिए.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
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