आज 9 अप्रैल 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- चैत्र मास (शुक्ल पक्ष) द्वादशी 22:54 तक, युगाब्द 5127, विक्रमी संवंत 2082 तदनुसार 9 अप्रैल 2025, दिन बुधवार.
आज का नक्षत्र – मघा 09:56 तक, बाद पूर्वा फाल्गुनी.
आज का योग – गंड 18:24 तक.
आज का करण – बव 10:00 तक, बाद बालव 22:54 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:59 से 12:50 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 12:24 से 13:5 दोपहर तक.
आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा.
आज खाटू श्याम जी को प्रसन्न करें.
खाटू श्याम चालीसा सुनने के लिए निचे दिए लिंक को छुएं.
गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.9.
यज्ञार्थात्कर्मणोऽन्यत्र लोकोऽयं कर्मबंधनः ।
तदर्थं कर्म कौन्तेय मुक्तसंगः समाचर ॥
व्याख्या-
यज्ञ के निमित्त किए जाने वाले कर्मों से अतिरिक्त दूसरे कर्मों में लगा हुआ ही यह मुनष्य समुदाय कर्मों से बँधता है। इसलिए हे अर्जुन! तू आसक्ति से रहित होकर उस यज्ञ के निमित्त ही भलीभाँति कर्तव्य कर्म कर॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज गीता ज्ञान में भगवान हमे कर्म करना क्या है सीधे सीधे बता रहें हैं. भगवान बता रहें हैं की जिस प्रकार यज्ञ समाज के कल्याण के लिए किया जाता है उसी प्रकार हमारा कर्म भी समाज के कल्याण की भावना से निहित हो तो ही श्रेष्ठ कर्म है. किसी भी कर्म से केवल अपने कल्याण की कामना करना वो कोई श्रेष्ठ कर्म नहीं हो सकता. क्योंकि केवल अपने कल्याण की भावना बताती है की आसक्ति से युक्त कर्म है. और आसक्ति का त्याग ही श्रेष्ठ कर्म का लक्ष्ण है.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
आज बुधवार के दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए गणेश चालीसा का पाठ जरुर करें..
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