आज 6 अप्रैल 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- चैत्र मास (शुक्ल पक्ष) नवमी 19:22 तक, युगाब्द 5127, विक्रमी संवंत 2082 तदनुसार 6 अप्रैल 2025, दिन रविवार.
आज का नक्षत्र – पुष्य 30:23 तक.
आज का योग – सुकर्मा 18:54 तक.
आज का करण – बालव 07:18 तक, बाद कौलव 19:22 तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 11:59 से 12:50 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 17:09 से 18:41 शाम तक.
आज का दिशा शूल – पश्चिम दिशा.
आज नवरात्रि के नवें दिन माता को प्रसन्न करें.
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गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.6.
कर्मेन्द्रियाणि संयम्य य आस्ते मनसा स्मरन् ।
इन्द्रियार्थान्विमूढात्मा मिथ्याचारः स उच्यते ॥
व्याख्या-
जो मूढ़ बुद्धि मनुष्य समस्त इन्द्रियों को हठपूर्वक ऊपर से रोककर मन से उन इन्द्रियों के विषयों का चिन्तन करता रहता है, वह मिथ्याचारी अर्थात दम्भी कहा जाता है॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
अपने कर्म को इस प्रकार करना है की भगवान हमें झूठा या घमंडी ना कहें. कुछ लोग उपर से किसी वस्तु विषय के त्याग की बात करते हैं, परन्तु अंत: मन से उन्ही विषयों का चिंतन करते हैं. ऐसे लोग किसी को तो धोखा दे ही रहे हैं साथ साथ वो स्वयं को भी धोखा दे रहे होते हैं. इसी लिए भगवान उसने झूठा और घमंडी कहते हैं. इस तरह का आचरण करने से मनुष्य केवल दिखावा कर सकता है किसी भी प्रकार से श्रेष्ठ नहीं हो सकता.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
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