आज 1 अप्रैल 2025 का पञ्चांग, श्रीमद्भगवद्गीता जी के श्लोक ज्ञान सहित।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi):- चैत्र मास (शुक्ल पक्ष) चतुर्थी 26:31 तक, युगाब्द 5127, विक्रमी संवंत 2082 तदनुसार 1 अप्रैल 2025, दिन मंगलवार.
आज का नक्षत्र – भरणी 11:05 तक.
आज का योग – विष्कुम्भ 09:46 तक बाद प्रीती 30:06 तक.
आज का करण – वणिज 16:03 तक, बाद विष्टि 26:31तक.
आज का शुभ मुहूर्त – 12:02 से 12:52 दोपहर तक.
आज का राहुकाल – 15:33 से 17:07 दोपहर तक.
आज का दिशा शूल – उत्तर दिशा.
आज नवरात्रि के तीसरे और चतुर्थ नवरात्र पर माता को प्रसन्न करें.
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गीता ज्ञान (Geeta Gyan) तृतीय अध्याय श्लोक संख्या.1.
अर्जुन उवाच
ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन ।
तत्किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव ॥
व्याख्या-
अर्जुन बोले- हे जनार्दन! यदि आपको कर्म की अपेक्षा ज्ञान श्रेष्ठ मान्य है तो फिर हे केशव! मुझे भयंकर कर्म में क्यों लगाते हैं?॥
आज का सुविचार- गीता ज्ञान (Aaj ka suvichar) (Geeta Gyan):-
आज गीता ज्ञान सुविचार में तृतीय अध्याय की शुरुआत हो रही है जिसमें भगवान श्री कृष्ण हमें कर्म योग के विषय में ज्ञान दे रहें हैं. हमारे जीवन का कोई भी पल ऐसा नहीं जब हम कर्म ना कर रहें हों. हमारा कर्म कभी स्वार्थ तो कभी निस्वार्थ से भरा हुआ है. इसी कर्म और कर्म फल के बारे में भगवान क्या कहते हैं जानते हैं. तीसरे अध्याय के पहले श्लोक में अर्जुन श्री से कह रहे हैं की अगर ज्ञान जरुरी है तो आप अपनों को मारने जैसे कर्मों में क्यों लगा रहे हैं. ज्ञान तो हमें हर पल किसी ना किसी रूप में मिलता ही है. परन्तु ज्ञान की अपेक्षा कर्म अधिक महत्व रखता है. हमारा कर्म ही हमारे ज्ञान का प्रदर्शन करता है. हमारा कर्म ही बताता है की हमे ज्ञान कितना है.
आपका दिन शुभ हो🙏🏻💐
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